तुम संग नेह की जोत जगा के
हमने जीते जीवन के तम ..!
********************
धीरज अरु व्याकुलता पल के
द्वन्द मचाते जीवन पथ में ,
तुमसे मिल के शांत सहज सब
मन बैठा विजयी सा रथ में !!
कितने पावन हो तुम प्रियतम
********************
नेह-परोसा, लेकर जो तुम
आते मेरे सन्मुख जब भी ,
तृप्ति मुझे मिल जाया करती
रन-झुन पायल ध्वनि से तब ही !
कितने पावन हो तुम प्रियतम !!
________________________________________
इधर सुन भी लीजिये जी
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
गुजरात का गरबा वैश्विक हो गया
जबलपुर का गरबा फोटो अरविंद यादव जबलपुर जबलपुर का गरबा फोटो अरविंद यादव जबलपुर गुजरात के व्यापारियो...
-
तुम चुप क्यों हो कारण क्या है ? गुमसुम क्यों हो कारण क्या है ? जलते देख रहे हो तु...
-
तूने दस्तक ज़रूर दी होगी..? मै वो आवाज़ नहीं सुन पाया कितनी आवाज़ें गिर्द मेरे हैं तेरा एहसास नही हो पाया ! ************** हर तरफ़ शोर ...
-
पाकिस्तान में महिला अधिकारों को लेकर हम सब केवल इतना जानते हैं कि वहां महिलाओं को कोई खास अधिकार प्राप्त नहीं है। परंतु हिंदूकुश...
नेह-परोसा' वाह क्या शब्द चयन किया है
जवाब देंहटाएंसुन्दर भाव
अच्छा लगा पढकर
नेह-परोसा, लेकर जो तुम
जवाब देंहटाएंआते मेरे सन्मुख जब भी ,
तृप्ति मुझे मिल जाया करती
रन-झुन पायल ध्वनि से तब ही !
कितने पावन हो तुम प्रियतम !!
--
अच्छे शब्द-संयोजन के साथ बढ़िया रचना!
waah adbhut...sundar shringaar rachna...shabd aur bhaav sanyojan lajawaab...
जवाब देंहटाएंप्रियतम शब्द में ही ऊर्जा है ।
जवाब देंहटाएंसुंदर शब्द चयन ,अच्छी अभिव्यक्ति ।
सुंदर कविता...बहुत ही एहसास भरी..धन्यवाद गिरीश जी
जवाब देंहटाएंबढ़िया...
जवाब देंहटाएंतृप्ति मुझे मिल जाया करती
जवाब देंहटाएंरन-झुन पायल ध्वनि से तब ही !
Beautiful Creation !
बहुत खूबसूरत कविता......
जवाब देंहटाएंमंगलवार 15- 06- 2010 को आपकी रचना ( हां..! ये शाम उस शाम से जारी)... चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर ली गयी है
http://charchamanch.blogspot.com/
बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंनत मस्तक हूं सुधि जन
जवाब देंहटाएंExcellent....
जवाब देंहटाएंNeh ki jyot... har lafz pyaar se bharpur ...!