उस व्यक्तित्व को कौन पसंद न करेगा जिसका घर गोरखप्रुर / लखनउ /जबलपुर में कहां है कोई नहीं समझ पाया यानि सबके अपने प्यारे महफ़ूज़ मियां जितने गोरखप्रुरके हैं उससे ज़्यादा लखनउ और जबलपुर के हो गये.....! _______________________________________ ”विशेष अनुरोध ” मित्रो, सादर अभिवादन, जैसा कि आप को ज्ञात होगा विगत कई दिनों से ब्लॉग जगत को स्वयं महफूज़ अली ने तथा अन्य लोगों ने अवगत करा ही दिया था कि उनकी एक कविता ''फायर,इस स्टील अलाइव'' को नेन्सी डिकलमान ने टी-शर्ट पर मुद्रित करा कर उनके पास भेजा है. इसके प्रमाण उनके द्वारा मुझे उपलब्ध भी कराये जिसे मैने यहां मेलोडी ओफ़ लाइफ़ पर इस गरज़ से दर्ज़ कर दिये थे ताकि किसी भी प्रकार का संदेह न हो जैसा कि कुछ लोगों ने व्यक्त किया है ! मित्रो जो भी तथ्य है उनसे हुई चर्चा के अनुरूप पोस्ट पर हैं . इस पर बेनामी टिप्पणी कर्ताओं क्रमश: ब्लाग समाचार , मीनिका ,तथा स्वयं श्री अरविंद मिश्रा जी नें व्यक्तिगत खुन्नस निकाली जो उनके और महफ़ूज़ के बीच सम्भावित है , अस्तु मिश्र जी को एक मेल के ज़रिये मैने अपनी बात कह दी है . महफ़ूज़ के बारे में उनक