तेरा नाम मुझसे यूं जुड़ा, जैसे मिलता कोई खिताब है....!
छवि : सोनाक्षी सिन्हा / साभार : http://www.legendnews.in मैं जो इश्क़ वाली निगाह हूं तू जो हुस्न वाली कि़ताब है जिसे हर निगाह न सह सकी तू वो आफ़ताबी शबाब है..! मुझे ग़ौर से जो निहार ले , मेरा सारा जिस्म संवार दे - न तो धूल आंखों में रहे , मेरे दिल की गर्दें उतार दे ...!! मेरे प्यार पे तू यक़ीन कर- हटा ये पर्दे हिज़ाब के !! तू तो आफ़ताबी शबाब है..! मेरा इश्क़ बुल्ले शा का , तेरा हुस्न रब दी राह का यूं मुझे न तड़पा मेरी जां , आ बोल मेरा गुनाह क्या ? मेरे इश्क़ का मतलब समझ , नहीं हर्फ़ ये हैं कि़ताब के !! तू तो आफ़ताबी शबाब है..! मेरी हर गज़ल तेरी गज़ल, हर गीत में तेरा राज़ है हों ज़ख्म मेरे हरे कभी, तेरी यादें उसका इलाज़ है , तेरा नाम हासिल यूं मुझे , जैसे मिलता कोई खिताब है....! तू तो आफ़ताबी शबाब है..!