दिया देखा लगा मुझको तुम्हारा ही उजाला है .
चित्र साभार : गूगल तस्सवुर में तुम्हारी सादगी का बोलबाला है भरी थाली, रुके हाथ, हाथ में इक निवाला है ! तस्वीर में तुम हो, गलत अनुमान था मेरा - जिधर भी देखता हूँ , बस तुम्हारा ही उजाला है . ये दुनियाँ देख लगता - "हर ओर तुम ही हो .." चाँद,सूरज,धरा, तारे, सभी को तुमने पाला है . तुम्हारे नेह का संदल मेरे हर रोम में बाक़ी - जितना भी दिया तुमने उसे हर पल सम्हाला है. अजन्मे देवता जलते हैं मुझसे जानता हूँ मैं - मैं जब कहता हूँ मुझको मेरी माँ ने पाला है…!!