प्रेम का सन्देश देता ब्लॉग

Wikipedia

खोज नतीजे

बुधवार, 27 फ़रवरी 2013

जब इश्क़ है तो हुस्न की परवाह मत करो


इक मासूम से चेहरे पे मुस्कान ज़िंदगी
बच्चे के लिये बलून की दूकान ज़िंदगी .

उसने दिल की बात खुल के कभी न की
हमने  कही जो अपनी, थी हैरान ज़िंदगी.

 इज़हार-ए-इश्क करना ज़रूरी है मेरी जां-
कब तक रखोगी  अपनी सुनसान ज़िंदगी .

अब आईने के सामने सजना संवरना छोड़
अब और कितने लाओगी तूफ़ान ज़िंदगी ..?

जब इश्क़ है तो हुस्न की परवाह मत करो
हाफ़िज़ बनेगें हम तेरे ऐ .. मेहमान ज़िंदगी ..


जब से मिली हूं मिलने के  रस्ते तलाशती
तुम मिले तो मिलती है मुस्कान ज़िंदगी ..

खुद खाक में मिल जाओ या फ़ाक़ा कशी करो
मुश्किल से मिला करती है पहचान - ज़िंदगी !!

चाहत की तला तुम में , डूबेगा सफ़ीना
उट्ठो करो ग़ैरों पे कु़रबान ज़िंदगी !!





10 टिप्‍पणियां:

  1. @दिनेश पारीक @ डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
    Thank's

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुतीकरण.

    जवाब देंहटाएं
  3. इज़हार-ए-इश्क करना ज़रूरी है मेरी जां-
    कब तक रखोगी अपनी सुनसान ज़िंदगी .

    अब आईने के सामने सजना संवरना छोड़
    अब और कितने लाओगी तूफ़ान ज़िंदगी ..?

    Sajjan jee,
    New Delhi-92.

    जवाब देंहटाएं
  4. खुद खाक में मिल जाओ या फ़ाक़ा कशी करो
    मुश्किल से मिला करती है पहचान - ज़िंदगी !!

    चाहत की तला तुम में , डूबेगा सफ़ीना
    उट्ठो करो ग़ैरों पे कु़रबान ज़िंदगी !
    बेहतरीन .. !!!!!!!

    जवाब देंहटाएं
  5. जब इश्क़ है तो हुस्न की परवाह मत करो |

    bahut sundar ... :)

    जवाब देंहटाएं

टिप्पणियाँ कीजिए शायद सटीक लिख सकूं

गुजरात का गरबा वैश्विक हो गया

  जबलपुर   का   गरबा   फोटो   अरविंद   यादव   जबलपुर जबलपुर   का   गरबा   फोटो   अरविंद   यादव   जबलपुर गुजरात   के व्यापारियो...