प्रीत के दोहे

साभार : आशा सक्सेना जी के ब्लाग आकांक्षा से मन मोहन संग रास-रस,अंग-अंग बस जाय! अनुभव मत पूछो सखि ,मोसे कहो नै जाय !! ***************************************** देखूं तो प्रिय के नयन,सुनूं तो प्रिय के गीत ! हिय हारी मैं तुम कहो, जानूं मैं जा जीत !! ***************************************** मैं प्रियतम की बावरी,प्रीत रंग चहुँ ओर ! आयो सावन बावरो,लैं संग पीर अछोर !! ***************************************** तापस तोरी साधना, तन मेरो झुलसाय, तोरे दिव्य सरूप में, नारायन दिख जाय !!