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रविवार, 4 अप्रैल 2010

सानिया से ज़्यादा ज़रूरी है संजय पर बात करना

https://mail.google.com/mail/?ui=2&ik=f28b6629c4&view=att&th=127c7f2999c1dab8&attid=0.2&disp=inline&realattid=f_g7mmn01o1&zw

संजय एक विजेता खिलाडी  किंतु हताश है संजय या इन जैसे अभावों में जूझते खिलाडियों पर इस वक्त चर्चा  होनी ज़रूरी है  सानिया से ज़्यादा ज़रूरी है http://www.totaltv.in/news_image/1248782267.jpg सानिया मिर्ज़ा की शादी शोएब के साथ आयशा के सम्बन्धमें पल छिन की खबर देते मीडिया के  लिये यह खबर कितनी ज़रूरी लगती है य देखना है अब
                                              
                                                             "नियमों की भेंट न चढ जाये यह खेल प्रतिभा :

जबलपुर नगर का युवा पावर लिफ़्टिंग खिलाडी संजय बिल्लोरे  का चयन मंगोलिया की राजधानी उलानबटर में दिनांक ०१ मई से ५ मई तक आयोजित एशियन पावर लिफ़्टिंग चैम्पियन शिप २०१० हेतु इंडियन-पावर-लिफ़्टिंग फ़ेडरेशन व्दारा किया गया  है. किंतु इस   खेल के  नान औलौंपिक श्रेणी का होने के कारण न तो राज्य सरकार से और न ही भारत सरकार से   खिलाडी को कोई मदद शासकीय तौर पर मिलना कठिन हो गया है. एक मध्यम वर्गीय युवा खेल-प्रतिभा को  मंगोलिया तक की  यात्रा के साधन जुटाने में जो ज़द्दो-ज़हद करनी पड रही आत्म विश्वास से भरे इस युवक को पूरा भरोसा है अपने बेहतर प्रदर्शन के लिये: संजय का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हौने वर्ष २००७ में ताईवान में आयोजित एशियन पावर लिफ़्टिंग प्रतियोगिता में रज़त-पदक जीता था.ओर्डिनेंस फ़ैक्ट्री खमरिया में मशीनिष्ट के पद पर कार्यरत संजय बिल्लोरे को इस खेल यात्रा के लिये लगभग एक लाख रुपयों की ज़रूरत है. यदि वे १५ अप्रेल तक फ़ेडरेशन को यात्रा व्यय हेतु राशि न भेज सके तो उनका चयन निरस्त कर दिया जायेगा. संजय ने यात्रा-व्यय के लिये अपने विभाग को आवेदन कर दिया है किंतु नियमों का हावाला देते हुए विभाग ने उनसे उम्मीद न रखने की  सलाह दी है यद्यपि फ़ेडरेशन ने  उनका आवेदन कलकत्ता स्थित मुख्यालय को भेज दिया है.
सानिया और शोएब मलिक

 

4 टिप्‍पणियां:

  1. अब समय आ गया है कि इस देश में या तो क्रिकेट पर पूरी तरह बैन लगा दिया जाए या बांकी खेलों को ही बैन कर दिया जाए ..ताकि ये दिन देखना न पडे ।
    अजय कुमार झा

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  2. पॉवर लिफ्टर गीता रानी भी सरकार की अनदेखी का शिकार हुई थी। वो बठिंडा की थी। उसके पक्ष में कई खबरें लगाई, परंतु अंत तक उसका कुछ नहीं हुआ।

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  3. Bilkul sahi likha aapne.Sachin nahin to Sania hi sahi.Yeh voh log aur mudde hain jinse aam aadmi ka koi bhala nahin hota aur baar baar din bhar bas yahi dikhaate rahne se hamaare neta los samajhte hain ki desh me bas Criket chalta rahe ya Sania ki shaadi ki baten yeh 'Absllla'media karta rahe to janta inhin mein ulajh jayegi Hum mein se kitne log Mehangaaee ki baat karte hai.Roz cricket naam badal-basalkar hamein thhag raha hai aur desh ke sabhi khaas mudde kahin peechhe phenk diye gaye hai.Sharad Pawaar ki jai ho.Chae Cricket ho ya mehangaaee!

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  4. अच्छी प्रस्तुति...संवेदनशील.....विचारणीय पोस्ट....
    http://laddoospeaks.blogspot.com/

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