गढ़ के दोष मेरे सर कौन मढ़ रहा कहो ?
अदेह के सदेह प्रश्न कौन गढ़ रहा कहो गढ़
के दोष मेरे सर कौन मढ़ रहा कहो ? मुझे जिस्म मत कहो चुप रहो मैं भाव
हूँ तुम जो हो सूर्य तो रश्मि हूँ प्रभाव हूँ !! मुझे
सदा रति कहो ? लिखा
है किस किताब में देह पे ही हो बहस कहा है किस जवाब में नारी
बस देह..? नहीं प्रचंड अग्निपुंज भी मान
जो उसे मिले हैं शीत-कुञ्ज भी ! चीर
हरण मत करो मत हरो मान मीत भूलो
मत कुरुक्षेत्र युद्ध एक प्रमाण मीत ! जननी
हैं ,भगनी है, रमणी हैं नारियां - सुन्दर
प्रकृति की सरजनी हैं नारियां हैं
शीतल मंद पवन,लावा ये ही तो हैं धूप
से बचाए जो वो छावा यही तो हैं !