एक एहसास
तुम्हारी अंगुली में
एक एहसास
मेरी सांसों में
अब बेशक
कोई ज़ुदा कैसे करेगा..!
एहसास से जुढे
अबोले अनुबंधों को
आधे अधूरे संबंधों को
फिर भी याद रखना
अनुशासित करते
प्रतिबंधों को...!!
बीते दिनों की
प्रीत का मदालस
एहसास काफ़ी है
एक पूरी
सुकूं से लबालब ज़िन्दगी
जीने के लिये !!
तो है जिसका प्यार पल रहा है
चाक ज़िगर में मेरे.........!!
By:Girish Billore,