प्रेम का सन्देश देता ब्लॉग

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सोमवार, 17 मार्च 2014

सखियां फ़िर करहैं सवाल- रंग ले अपनई रंग में..!! (बुंदेली-प्रेमगीत)


नीरो नै पीरो न लाल
रंग ले अपनई रंग में ..!!
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प्रीत भरी पिचकारी नैनन सें मारी
मन भओ गुलाबी, सूखी रही सारी.
हो गए गुलाबी से गाल
रंग ले अपनई रंग में ..!!
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कपड़न खौं रंग हौ तो रंग   छूट  जाहै
तन को रंग पानी से तुरतई मिट जाहै
सखियां फ़िर करहैं सवाल-
रंग ले अपनई रंग में..!!
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प्रीत की नरबदा मैं लोरत हूं तरपत हूं
तोरे काजे खुद  सै रोजिन्ना  झगरत हूं
मैंक दे नरबदा में जाल –
रंग ले अपनई रंग में..!!
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शुक्रवार, 7 मार्च 2014

बताओ आओगी न मिलने अबके फ़ागुन में..?



तुम्हारी प्रीत वाली छाँह 
को खोजने निकला
ये मन ही है जो 
रात भर सोने नहीं देता ...!
कि तुमने मुस्कुराके कसम खाई थी
मिलने की 
वो मंज़र रोज दिखता है 
तुम्हैं मुझसे मिलाता है 
प्रिया 
सच वो ही मंज़र 
विस्मृतियों के बीहड़ में
तुम्हैं मुझसे विलग होने नहीं देता !! 
सोचता हूं कि तुमसे दूर हूं तुम पास आती हो
हरेक पल साथ देने का वही वादा निभाती हो
तुम्हें गर इस कदर जुड़ना था
हमसे  दूर 
न जाते रुक जाते

विरह की वेदना में न हम तड़पते 
और तुम भी चैन से सो पाते ।।
बहुत तड़पाती हैं जब याद आतीं है मृदुल बातें
अमिय  से लबालब हिरनी की चंचल सी  आँखें
धड़कन तेज़ 
होती हैं  कभी रुक जाती हैं सांसे
तुम्हारी याद जो आती तो खिल जाती है ये बांछैं 
बताओ  आओगी न मिलने  अबके फ़ागुन में..?



गुजरात का गरबा वैश्विक हो गया

  जबलपुर   का   गरबा   फोटो   अरविंद   यादव   जबलपुर जबलपुर   का   गरबा   फोटो   अरविंद   यादव   जबलपुर गुजरात   के व्यापारियो...