प्रेम का सन्देश देता ब्लॉग

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रविवार, 21 जुलाई 2013

दिया देखा लगा मुझको तुम्हारा ही उजाला है .

चित्र साभार : गूगल 
तस्सवुर में तुम्हारी सादगी का बोलबाला है 
भरी थाली, रुके हाथ, हाथ में  इक निवाला है !
तस्वीर में तुम हो, गलत अनुमान था  मेरा - 
जिधर भी  देखता हूँ , बस    तुम्हारा ही उजाला है . 
ये दुनियाँ देख लगता - "हर ओर तुम ही हो .."
चाँद,सूरज,धरा, तारे, सभी को तुमने पाला है .
तुम्हारे नेह का संदल मेरे हर रोम में बाक़ी -
जितना भी दिया तुमने उसे हर पल सम्हाला है. 
अजन्मे देवता जलते हैं मुझसे जानता हूँ मैं - 
मैं जब कहता हूँ मुझको मेरी  माँ ने पाला है…!!
                                                     

शुक्रवार, 19 जुलाई 2013

प्रेम की पहली उड़ान तुम तक मुझे बिना पैरों के ले आई..!

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प्रेम की पहली उड़ान  
तुम तक मुझे बिना पैरों 
के ले  आई..!
तुमने भी था स्वीकारा मेरा न्योता
वही  मदालस एहसास
होता है साथ    
तुम जो कभी कह  सकी 
हम जो कभी सुन  सके !
उसी प्रेमिल संवाद की तलाश में 
प्रेम जो देह से ऊपर
प्रेम जो ह्रदय की धरोहर  
उसे संजोना मेरी तुम्हारी जवाबदारी 
क्योंकि   
नहीं हैं हम 
पल भर के अभिसारी 
हम हैं
उन दो तटों से जो साथ साथ रहतें हैं 
जानती हो
हमारे बीच जाने 
जाने कितने धारे बहते हैं 
अनंत तक साथ साथ 
है  मिलने का विश्वास 
तुम जो निश्छल कल कल सरिता
तुम्हारा एहसास कभी नहीं रखता 
मुझे रीता 
आज भी मेरे  
गिर्द 
भगौना भर कामना लेकर आतीं हो 
मुस्कुराती और फिर अचानक 
खुद को खुद की परिमिति में बाँध 
बाँध देती हो मुझे 
मेरी परिधि में 
जहां से शुरू होती है 
शाश्वत प्रीत यात्रा ....
सच  तुम निर्दयी नहीं हो .

गुजरात का गरबा वैश्विक हो गया

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