प्रेम का सन्देश देता ब्लॉग

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सोमवार, 22 अगस्त 2011

डरतीं हूं ये सतफ़ेरा जोड कहीं.. आभासी न रह जाए..?

एक प्रेयसी सी
नित मैं बांट जोहती 
अपलक !!
अधगूंथे आटे भरे हाथ से
उठातीं हूं ..
फ़ोन एस एम एस पढ़ने को !!
वो जो तुम्हारा नही होता !!
अनचाहे व्यावसायिक 
सदेशों की तरह 
तुम्हारे 
संदेशों को पढ़ पढ़ उकता गई हूं
तुम एक न एक विवषता के सहारे
मुझे भरोसा देने में कामयाब हो जाते हो..
डरतीं हूं ये सतफ़ेरा जोड
कहीं.. आभासी न रह जाए..?





बुधवार, 3 अगस्त 2011

मन मधुवन अरु देह राधिका हिवड़ा ताल सजाए





मन  मधुवन अरु देह राधिका   हिवड़ा ताल सजाए ! 
कैसे रोकूं ख़ुद को कान्हा,  सावन   मन भरमाए  !!
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मैं बिरहन बिरहा की मारी, अश्रु झरें ज्यों चिंगारी
बेसुध हूं मैं तन अरु  मन से,  चीन्हो मोहे  श्रृंगारी
सावन बीतो जाए..
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नातों के बन छोड़ के मोहे, राधा संग तुम रास रचाते
मंदिर मंदिर नाचूं गाऊं,  प्रिय तुम मोहे चीन्ह न पाते
जोबन बीतो जाए..
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करुण पुकार सुनी कान्हा ने, आए अरु मुस्काए
सुन प्रिय मोरी चाहत उसपे.. जो न स्वांग रचाए
बिन चाहत के आए...











मंगलवार, 2 अगस्त 2011

प्रिया और कोयल

अल्ल सुबह की  मधुर तान
गूंजित प्रिय का तब मधुर गान
कोयल भी कूक उठी तब ही ?
मन हतप्रभ था सुन युक्त-गान..!!
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अंतस में द्वंद उठा तब फ़िर
कोयल तो झूठी होती है..
वो गीत सुनाती दुनियां को
कागी अण्डों को सेती है
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प्रिय का निर्दोष गीत सुनने
ललकारा कोयल को  ज्यों ही
प्रिय बोलीं:-"मैं पास सहज"
कोयल बैर से  क्यों की ?
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हतप्रभ हूं पर जान गया
प्रिय तुमको पहचान गया
तुम संवेदित भाव पुंज
तुम मेरा हो अभिमान प्रिया..

गुजरात का गरबा वैश्विक हो गया

  जबलपुर   का   गरबा   फोटो   अरविंद   यादव   जबलपुर जबलपुर   का   गरबा   फोटो   अरविंद   यादव   जबलपुर गुजरात   के व्यापारियो...