प्रेम का सन्देश देता ब्लॉग

Wikipedia

खोज नतीजे

रविवार, 3 जुलाई 2011

हम बोले तो पलक झुका लीं


तुमने बिन बोले सब बोला, हम बोले तो पलक झुका लीं
अपलक देखा करती मुझको, सन्मुख आके नज़र हटा लीं
हमने कितनी रात बिताईं.. भोर से पहले तारे गिनके...
तुम कब आओगी छज्जे पे.. बैठे है हम ले कर’-मनके..!
तुम आईं भी देखा भी था, नयन मिले तो पीठ दिखा दी .!



8 टिप्‍पणियां:

टिप्पणियाँ कीजिए शायद सटीक लिख सकूं

गुजरात का गरबा वैश्विक हो गया

  जबलपुर   का   गरबा   फोटो   अरविंद   यादव   जबलपुर जबलपुर   का   गरबा   फोटो   अरविंद   यादव   जबलपुर गुजरात   के व्यापारियो...