प्रेम का सन्देश देता ब्लॉग

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गुरुवार, 23 दिसंबर 2010

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इस तस्वीर की नायिका की मनोदशा उजागर करती कविता का इन्तज़ार रहेगा

अन्तिम तिथि : २५/१२/२०१० शाम ५ बजे तक

शुक्रवार, 17 दिसंबर 2010

एक छोटी सी प्रेम कहानी

Women's Bodies, Women's Wisdom (Revised Edition): Creating Physical and Emotional Health and Healing
आज़ सौं वी पोस्ट निहायत आज़ के दौर के प्रेम संबंधों को उजागर करने की कहानी है आप इस ग़लत फ़हमी में न रहें कि कोई छोटी सी सच्ची सी प्रेम कहानी परोस रहा हूं
चालीस साल का वह पैंतीस साल की उससे कनाट प्लेस में मिलते हैं वह उतरता है  एक बड़ी सी मंहंगी कार में इसके पास भी कार तो है महंगी भी पर वैसी नहीं उस जैसी तो बिलकुल नहीं   जिससे  वह उतारा. दौनों का आकर्षक व्यक्तित्व . रेंष्ट्रा में दौनों को कुछ खाने की तलब . दिल्लिया रेस्टारेंट दोपहर को हरे भरे से से लगते डी यू के छात्र अपनी गर्ल फ़ैंड्स को लेकर आए थे कब्जाए थे टेबुल मज़बूरी में इनको भी टेबुल शेयर करनी पड़ी. आर्डर एक सा दिया बस वही ब्रेड हल्का बटर काफ़ी,पैंतीस साल की उसने बात शुरु की :”गाड़ी तो गज़ब है..?
The 5 Love Languages: The Secret to Love That Lastsचालीस साल का वह :- जी शुक्रिया 
पैंतीस साल की  :-क्या करतें हैं आप..?
चालीस साल का वह :- "  .... " का कारोबार है ! आप 
पैंतीस साल की  :-"हाउस वाइफ़ हूं !
"चालीस साल का वह :-  "सिंगल ?
पैंतीस साल की  :-यही मान लीजिये !
चालीस साल का वह :-  मान लीजिये ?
पैंतीस साल की  :- जी वे फ़ारेन टूर पर रहतें हैं ज़्यादातर
चालीस साल का वह :-  तो दिन कैसे कटतें हैं
पैंतीस साल की  :- दिन तो यूं ही सुंदर सुंदर कारों घूमते में कट जाता है ?
चालीस साल का वह :-  फ़िर
पैंतीस साल की  :- तब रात भी तो आसान हो जाती है न ?
चालीस साल का वह :-  ओह समझा !
          उसके माथे से पसीना चुहचुहा उठा , मारे शर्म से गड़ गया. उसे लगा शायद कोई देख न ले किसी काम की याद आने का बहाना लेकर भागना चाहा किंतु आर्डर के मुताबिक़ सामान टेबल पर सज चुका था . एक खट देहाती की तरह उसने चबर-चबर ब्रेड मुंह में ठूंस ली सुड़का लगा के काफ़ी पी डाली. मोहनी सी पैंतीस साला के चेहरे का नूर और  खुला निमंत्रण उसे पागल कर रहा था. थोड़ा सोच कर रुक गया
पैंतीस साल की  :- जी आपने ज़ल्द फ़िनिश कर लिया कहीं जाना है
चालीस साल का वह :-  न भूख लगी थी तेज़ तो चलें ?
पैंतीस साल की  :- श्योर
चालीस साल का वह :-  कहां
पैंतीस साल की  :- लांग ड्राइव पर
1998 Corvette Pace Car Decal & Stripe Kitचालीस साल का वह :-  ओ के
पैंतीस साल की  :- क्या सोच रहें हैं...?
चालीस साल का वह :-  सोच नहीं कुछ कह रहा हूं..?
पैंतीस साल की  :- मैने नहीं सुना
चालीस साल का वह :-  मैने कहा भी तो नहीं
पैंतीस साल की  :-तो कह दीजिये
चालीस साल का वह :-  आज़ क्या कर रहीं हैं..?
पैंतीस साल की  :-अभी तक तो आपके साथ हूं ?
चालीस साल का वह :-  फ़िर
पैंतीस साल की  :- फ़िर, आप स्वतंत्र हैं..!
चालीस साल का वह :-  मैं आपके बारे में पूछ रहा हूं ?
पैंतीस साल की  :- जी मैं अपने बारे में कह रहीं हूं ?
चालीस साल का वह :-  मतलब
पैंतीस साल की  :-मतलब, जी साफ़ है इन सवालों के ज़वाब हम औरतों के पास कहां 
चालीस साल का वह :-  यानी,
पैंतीस साल की  :-यानी, निर्णय पुरुष का ही मान्य होता है !
चालीस साल का वह :-  तब ठीक है , आपकी कार तो रेस्टारेंट के पास ही है न
पैंतीस साल की  :- न वो उसकी है जो साथ लाया था आज़ किंतु उसका कोर्ट में कोई केस है चला गया
चालीस साल का वह :-  कहां रहतीं हैं आप. जी
पैंतीस साल की  :-"......" में
चालीस साल का वह :- यहां,तो मेरा रो आना जाना होता है उस यलो गेट पर मेरा एक मित्र रहता है, कभी गया ओ नहीं उसके घर पर हा ये वाला यहीं कहीं रहतीं हैं आप ?
पैंतीस साल की  :- (पति का मित्र जान कर वो घबरा गई. किंतु उसने कहा जी सच है ) वो मेरे पति हैं पर आप पर पूरा दिन निर्भर है जैसा आप चाहें.       
चालीस साल का वह :-  तो फ़िर चलिये मेरे नये फ़्लेट में
पैंतीस साल की  :-ओ के.
चालीस साल का वह , पैंतीस साल की उसे लेकर अपने रोहणी वाले नये फ़्लेट में ले गया, काल बेल बजाते ही एक साधारण शक्लो सूरत वाली  महिला ने दरवाज़ा खोला, अरे आप ज़ल्द ही  आ गए आज़ तो कांफ़्रेंस है न
"कैंसिल हो गई, रास्ते में मिसेज़ शर्मा मिल गईं वो शर्मा जी "
"जी जानती हूं हौजखास वाले न आपके पक्के दोस्त आइये आइये भाभी जी नमस्कार "
चालीस साल का वह :- सुनो, भाभी जी का ख्याल रखना, मै आता हूं..!
        तीन घण्टे बाद जब लौटा तब तक शाम के सात बज़ चुके थे , शाम का खाना खाया सभी ने साथ मिलकर , पैंतीस साल की उसे छोड़ने गया वो चालीस साल का रास्ते में पैंतीस साल की उसने पूछा :"मैं आपसे प्यार करने लगी हूं ?"
जी मुझसे सभी प्यार करतें हैं पर  प्यार का हर   रास्ता देह से होकर न जाए वो ही बेहतर है. आज़ आपको आपके घर वापस छोड़ रहा हूं उसका अर्थ समझिये .जी सच आज वास्तव में आपने मुझे मेरे घर वापस छोड़ा है तभी तो मैं आपसे प्यार करने लगी हूं जो सच देह से होकर नहीं गुज़रता

शनिवार, 11 दिसंबर 2010

आभास ने कहा था दिया मिर्ज़ा को "I love you"

Abhaas - Tum Mere Ho - SVOI -

                                  "खदानों के पत्थर जो अनुमानतें हैं मेरे घर की बुनियांदें वो जानते हैं "


I Love You Through And Through       इज़हारे इश्क का हौसला हा ! हा !! हा !!! आभास ने किया था 17 की उमर में  :- इज़हार-ए-इश्क़  सच सत्रह का था तब इधर हम तो इज़हारे तमन्ना नहीं कर सके थे 25 के हुए तब तक, शादी  के बाद ही कह पाते थे हमारे दौर के लोग :-"I love you" और वह भी कभी एकांत में अकेले में.  कहते भी खैर छोड़िये उस दौर की रूमानियत को  जो दौर है उसी के सात कदम ताल कीजिये. पर इश्क के सही मायने बच्चों को अब बता देना ज़रूरी है अब जब कि आज का दौर तो साड़े आठ बरस में की उम्र पर्याप्त हो गई  "I love you"  पूरा दिन में से जितना भी समय मिले बच्चों के साथ गुज़ारने के लिये थोड़ा वक़्त न मिले सम्भव नहीं... वरना फ़िर न कहिये  जी बिलकुल न  कहियेगा तौबा-तौबा आज़ के दौर के इज़हारे- इश्क़ -ने तो  उम्र,तहजीब,तमीज़ की सारी हदैं पार कर दीं.

सोमवार, 6 दिसंबर 2010

इस प्यार को क्या कहेंगे आप ?

सनी पवार
आरती
आरती मकवान की मां
आरती दुर्घटना के पूर्व
आई बी एन खबर पर 23 सनी पवार  का  ढेड़ साल से कोमा में पड़ी अपनी प्रेमिका आरती मकवान  को आज़ भी उतना ही प्रेम करता है जितना उसके कोमा में जाने से पहले आश्चर्य होगा आज के दौर में ये सब कैसे सम्भव हुआ अनिता धुक्कर  की रिपोर्ट जिसे  देख कर आंखें नम जाएंगी आपकी.आरती एक एक्सीडेंट में गम्भीर रूप से घायल होने के कारण कोमा में है . सनी पवार ने तय किया  है कि -वो ता उम्र आरती को सम्हालेगा उसकी  सेवा करेगा  और प्यार देगा. इस अनूठे प्यार की फ़ुटेज आपको फ़ेसबुक पर यहां मिलेंगी सैल्यूट सनी पवार को जो दीवारों पर उत्साह की कविताएं स्लोगन्स लिखता है जिन दीवारों को देखती है आरती ही आंखें..24सौं घंटे 7तौं.दिन बस सेवा उस प्रेमिका की जिसकी ज़िंदगी एक स्थिर स्तब्ध और नि:शब्द है.... वाह इस प्यार को क्या नाम देंगे आप 
सनी पवार तुमको सलाम !!

शनिवार, 4 दिसंबर 2010

आभासी प्रियतमा

तुम्हारी प्यार भरी भोली भाली बातें
सुन बन जातीं हैं रातें लम्बी रातें
तुम कौन हो क्यों हो उस आभासी दुनिया
के उस पार से
जहां एक तिनके की आड़ लेकर
देख रहीं हो कनखियों से 
सच तुम जो भी हो आभासी नही 
प्रेम की मूर्ति 
हां वही जो
कलाकार गढ़तें है
वही जो गीतकार रचते हैं
फ़िर भी खुद से पूछता हूं
कल पूछूंगा उनसे तुम कौन हो 

गुजरात का गरबा वैश्विक हो गया

  जबलपुर   का   गरबा   फोटो   अरविंद   यादव   जबलपुर जबलपुर   का   गरबा   फोटो   अरविंद   यादव   जबलपुर गुजरात   के व्यापारियो...