प्रेम का सन्देश देता ब्लॉग

Wikipedia

खोज नतीजे

शुक्रवार, 3 जुलाई 2009

आर्ची


मेरे महबूब तेरी यादों का आइना मुझको नीम बेहोशी में ले जाके मदहोश किए जाता है
चूम लेतें हैं तेरी तस्वीर को हम
वक्त हमको उसी दौर में ले जाता है ।
जहाँ हम तुम मिले थे पहली बार
हुईं थी निगाहें चार
तुम मेरी साथी आज भी याद आ रही हो
दिल को लुभा रही हो
तुम इस तस्वीर से
क्यों नहीं बाहर आ रही हो

4 टिप्‍पणियां:

  1. वाह गिरीश जी,
    आप ने प्रेम पर ही ब्लाग बना डाला....
    तब तो आप को मेरे ब्लाग पर आना ही पडे़गा...मेरे रोमांटिक रचनाएं वाले ब्लाग पर....

    जवाब देंहटाएं
  2. चूम लेतें हैं तेरी तस्वीर को हम
    वक्त हमको उसी दौर में ले जाता है ।
    ... बहुत खूब, प्रसंशनीय अभिव्यक्ति !!!!

    जवाब देंहटाएं
  3. अरे वाह,बड़े ही खूबसूरत कविता लिखते है आप,
    अच्छा लगा आपकी ये कविता,
    कम शब्दों मे आपने प्यार की सुंदर व्याख्या कर डाली..

    बधाई हो!!!

    जवाब देंहटाएं

टिप्पणियाँ कीजिए शायद सटीक लिख सकूं

गुजरात का गरबा वैश्विक हो गया

  जबलपुर   का   गरबा   फोटो   अरविंद   यादव   जबलपुर जबलपुर   का   गरबा   फोटो   अरविंद   यादव   जबलपुर गुजरात   के व्यापारियो...